Sunday, September 23, 2007

गालियों का दुरुस्त जबाब

मैं तो समझता था कि ईर्ष्या ,डाह अथवा जलन एक भारतीय गुण ही है. परंतु भारत के आगे निकलकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न व्यवसायों से जुडे लोगों के विचार सुनकर या पढ़कर आश्चर्य होता है.कुछ दिन पूर्व मैने अपनी एक पोस्ट पर टिप्पणी में लिखा था कि सचिन तेन्दुलकर की सफलता से गोरी चमड़ी (मेरा आशय क्रिकेट खेलने वाले देशों से ही है) के लोग थोडा जलते हैं. आज INDIA TV नामक CHANNEL पर एक 'विशेष' कार्यक्रम में आस्ट्रेलियाई खिलाडियों द्वारा भारतीय क्रिकेट टीम के उपहास एवं वरिष्ठ खिलाडियों - विशेषकर Sachin Tendulakar व Saurav Ganguli को चुन चुन कर दी गयी गालियां सुनकर बडा ताज्जुब हुआ. अफसोस भी क्यों कि क्रिकेट को एक Gentelman's game माना जाता रहा है. जब BCCI के अधिकारियों तक बात पहुंची तो उसकी तरफ से राजीव शुक्ल ने बचाव में एक बयान जारी कर दिया. BCCI की ओर से जारी बयान तो मात्र एक औपचारिकता ही है.
किंतु आस्ट्रेल्याई मौखिक गुंडा गर्दी का सबसे माक़ूल जबाब भारतीय 20-20 टीम ने दिया. कंगारू यह कहते नहीं थक रहे थे कि भारतीय टीम को धूल चटा देंगे, मसल कर रख देंगे ( they will make a mincemeat of indian team),आदि आदि. इस का जबाब खेल के मैदान में ही दिया जाना सबसे उचित था .
धोनी व भारतीय टीम ने ऐसी टीम को चारों खाने चित्त किया जो इस पूरे टूर्नामेंट की सबसे फेवरिट टीम बतायी जा रही थी तथा जिसका सट्टा बज़ार में भी सबसे कम भाव था. ज़िस भारतीय टीम को वे मसलने का सपना पाले थे , उसने उनके सही मानों में छक्के छुडाकर फाइनल् में प्रवेश किया.

भारतीय टीम इस अद्भुत विजय हेतु बधाई की पात्र तो है ही, इस बात के लिये विशॆष् बधाई की हक़्दार है कि आस्ट्रेलियाई घमंड को चूर किया ( वैसे कुछ दिन पूर्व ही ज़िम्बाब्वे की टीम उन्हें हराके चेतावनी दे गयी थी). परंतु रस्सी के जल जाने पर भी जो एंठन बची थी ,आज उसे निकाल कर भारतीय टीम ने कमाल का काम किया है.

हां फाइनल में जो होगा ( पाकिस्तान के साथ) देख लेंगे, परंतु शेर बनने वाले को बिल्ली बनाकर भेजना जरूरी था.

फिर कहना चाहता हूं- चक दे INDIA.

3 comments:

अनूप शुक्ल said...

सही है। धांसू जवाब दिया गया।

अनूप शुक्ल said...

सही है। धांसू जवाब दिया गया।

डा.अरविन्द चतुर्वेदी Dr.Arvind Chaturvedi said...

भैय्या जी, आज तनि ज्यादा ही फुर्सत मंईया लाग रहे हौ. दुइ दुइ बार टिप्पणी कर गये .
हम्हू दुइ दुइ बार कहत हैं- धन्यवाद धन्यवाद