मान लीजिये आप ऐसे लोगों के बीच हैं जिन्होने कभी गाय नहीं देखी. आप उन लोगों को गाय दिखायें ,गाय के गुण समझायें,दूध,दही के फायदे बतायें, और फिर उनके कहने पर गाय को दुह कर दिखायें . अब उन सबको पता होगा कि गाय के क्या फायदे हैं.
जी हां, लग्भग ऐसा ही हुआ .आज सुबह.
जैसा कि सरकारी रीति-रिवाज है आज कल 'हिन्दी पखवाडा' मनाया जा रहा है.सभी सरकारी विभागों में आजकल हिन्दी कार्यशालायें चल रही हैं. इनके लिये विशेष बजट होता है.इन कार्यशालाओं में अतिथि वक्ता बुलाये जाते हैं और हिन्दी भाषा पर बात चीत होती है.
एक ऐसा ही संस्थान है एम एम टी सी ( Minerals & Metals Trading Corporation). प्रत्येक वर्ष की भांति,इस वर्ष भी दो-दिवसीय कार्य शाला आयोजित थी. पिछले अनेक वर्षों से मैं वक्ता के रूप में वहां जाता रहा हूं. इस वर्ष भी आमंत्रित था. इस बार मैने विषय रखा था -इंटर्नेट पर हिन्दी.MMTC के scope complex,नई दिल्ली स्थित सभागार में आज ही मेरा वक्तव्य होना था.
और मैने इसे हिन्दी ब्लौग्गिंग की कार्यशाला बना दी. कार्यशाला में जो कर्मचारी उपस्थित थे, उनमें से मात्र कुछ ने ब्लौग के बारे में सुन रखा था. 'हिन्दी ब्लौग' से प्राय: अपरिचित थे.Projector की मदद से विशाल screen पर सारा कुछ देखा जा सकता था.
मैने. हिन्दी के औज़ार से शुरू किया. फिर याहू टूल बार तक पहुंचा.मेरे laptop में याहू टूल बार स्थापित है. मैने हिन्दी टूल, हिन्दी खोज (MMTC को ही खोज कर दिखाया . एक सज्जन का नाम टाइप करके खोजा, वो गद्गद हो गये. पत्रिकाओं में निरंतर, सृजनगाथा, वेब्दुनिया की साइट दिखाई.वेब दुनिया पर पहले 'साहित्य',उसमें 'कविता' उसमें भी अटल बिहारी वाज्पेयी की 'गीत नया गाता हूं' खोज कर दिखाए और कहा कि अब आप इस पर टिप्पणी भी कर सकते हो.सीधा वेब्साइट प्रदर्षित करता हुआ फिर एग्ग्रीग्रेटर तक पहुंचा. नारद ,चिट्ठाजगत्, हिन्दिब्लौग्स और ब्लौगवाणी तक सब दिखाया, जितनी तकनीकी जानकारी थी ,वह सब शेयर किया.
फिर एक दम् नया ब्लौग (ताजा ताजा) बनाकर दिखाया कि ब्लोग कैसे बनाते है. ( नये ब्लौग का नाम है बृज गोकुलम्,अभी इसपर एक टेस्ट पोस्ट ही डाली थी, यह दिखाने के लिये कि कैसे पोस्ट बनाते हैं.)
फिर ब्लौग पर दिखने वाले अन्य साजो-सामान ( लिंक, टिप्पणी, आदि आदि) दिखा कर व बनाकर समझाई. अपने नये ब्लौग ( बृज गोकुलम) पर अपनी ही टिप्पणी करके दिखाई.
फ़िर मेरे प्रिय चिट्ठों पर आया. शुरुआत हिन्द युग्म से
और इस ब्लौग पर ढेर सारे लिंक्स् का प्रदर्शन किया. वहां से सारथी जी के चिट्ठे पर जाकर वही सब समझाया.
इस बीच हिन्दी ब्लौग्गिंग के बारे जितना जानता था ,सब कुछ समझा दिया.
ये सब हो रहा था, सब के सामने और वो सुनने वाले देखने वाले सब भौचक्के होकर देख रहे थे. लगभग 1.30 बजे भोजनवकाश के कारण मुझे यह लाइव डिमोंस्ट्रशन समाप्त करना पडा.
भोजन के दौरान भी लोगों ने कई प्रश्न पूछे. लिंक्स मे दिखे कुछ नामों ( अलोक पुराणिक ,पंगेबाज, पर भी चर्चा हुई, मैने जितेन्द्र चौधरी व मैथिली जी व सिरिल गुप्त का विशेष उल्लेख किया एवम उनकी जानकारी में वृद्धि की)
सभी ने इस नई जानकारी का स्वागत किया और प्रशंसा भी की. मुझे विश्वास है कि इनमें से कई आज ही हिन्दी ब्लौग्स से कुछ ग्रहण करेंगे. हमें नये पाठक भी मिलेंगे और नये चिट्ठाकार भी.ऐसी आशा है.
12 comments:
अरविंद जी, यदि इसी तरह 10% चिट्ठाकार भी करने लगें तो हिन्दी चिट्ठाकारिता में आमूल परिवर्तना आ जायगा. लगे रहिये. इतिहास साक्षी है कि अधिकतर सामाजिक परिवर्तन एवं क्रातियां गिने चुने व्यक्तियों के श्रम के कारण हुए थे -- शास्त्री जे सी फिलिप
मेरा स्वप्न: सन 2010 तक 50,000 हिन्दी चिट्ठाकार एवं,
2020 में 50 लाख, एवं 2025 मे एक करोड हिन्दी चिट्ठाकार!!
चतुर्वेदी जी आपका कार्य तो वाकई सराहनीय है।
बहुत ही सराहनीय एवं शुभ कार्य. बधाई.
टिप्पणी करने के बाद नोट किया कि मेरी कडी www.Sarathi.info.com दी गई है. इसे कृपया www.Sarathi.info कर दें.
बढ़िया , सराहनीय!!
@सभी को धन्यवाद.
@सारथ्री जी; कडी दुरुस्त कर दी गयी है.
वाह! बहुत खूब। हिन्दी ऐसे ही शानदार प्रयासों से आगे बढ़ेगी।
ये काम आपने बहुत ही बढ़िया किया । बूँद बूँद से जल भर जाए वाली बात है । इन्हीं प्रयासों से बहुत कुछ हो सकता है ।
घुघूती बासूती
यह तो बहुत बढ़िया काम किया।
वाह अरविन्द जी, हिन्दी प्रयोक्ताओं की सँख्या ऐसे ही प्रयत्नों से बढ़ेगी। यदि हम में से प्रत्येक आदमी 10 व्यक्तियों को भी हि्न्दीजगत से जोड़ सके तो हिन्दी प्रयोक्ताओं की सँख्या दस गुना हो जाएगी।
ये तो आपने बहुत ही सराहनीय काम किया है, धन्यवाद ऐसे प्रयासों के लिये।
बहुत ही अच्छा काम किया है यह आपने ..
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