एक ज़माना था ज़ब आम तौर पर बधाई सन्देश के लिये हाथ से बनाये हुए विशेष ग्रीटिंग (बधाई) कार्ड का प्रयोग होता था. कार्ड खरीदने बाज़ार जाने वाले लोग ऐसे कार्ड ढूंढने का प्रयास करते थे जिसमे सन्देश ( की इबारत) 'ज़रा हट के' हो और जो पाने वाले का तुरंत ध्यान आकर्षित करे.
अब बधाई कार्ड का स्थान अधिकांश्त: ई-मेल या एस एम एस ने ले लिया है.
जब से मोबाइल पर एस एम एस ( SMS ) का चलन चला है ,फोन कम्पनियों की कमाई का एक बड़ा हिस्सा विशेष अवसरों पर दिये जाने वाले इन सन्देशों से ही आता है. यही कारण है कि मोबाइल सेवा प्रदाता कम्पनियां अत्यंत ही रोचक सन्देशों को विशेषज्ञ लेखकों से लिखवाती हैं और प्रचारित करती हैं.
अनेक बार ऐसा भी होता है कि आप को कोई सन्देश प्राप्त होता है और वह इतना मन को भा जाता है कि आप किसी न किसी को वह सन्देश भेजने का लोभ संवरण नहीं कर पाते ( भाई कोई इंटेलैक्चुअल प्रोपर्टी राइट्स की तो बात नहीं है ना!!) ज़ाहिर है कि आप फिर भी मोबाइल सेवा प्रदाता कम्पनियों के खाते में इज़ाफा कर रहे होते हैं.
ऐसा नहीं है कि विशेष अवसरों पर रोचक ( या कुछ हट्के) किस्म के सन्देश सिर्फ मोबाइल सेवा प्रदाता कम्पनियां ही रचती हैं, बल्कि इन अवसरों पर बिकने वाले बधाई कार्ड बनाने वाली कम्पनियां भी इसी प्रयास में रहती हैं कि उनके कार्ड 'कुछ अलग' से लगें.
कुछ 'अलग सा सोचने वाले ' लोग भी अपने सन्देश स्वयं ही गढ़ते हैं. ऐसे व्यक्तियों को कभी कभी बुरा भी लगता है कि बहुत सोच विचार कर लिखा गया उनका सन्देश अन्य लोग ( पाने वाले) नक़ल करके आगे भेजने लगते हैं.
नव वर्ष के अवसर पर जो बधाई सन्देश मुझे प्राप्त् हुए उनमे कुछ ऐसे थे जिनका उल्लेख इस श्रेणी के सन्देशों में किया जा सकता है. मोहिन्दर कुमार जी से प्राप्त सन्देश कुछ यूं था --
पक्षियों की तरह हम भी वह सब पीछे छोड़ दें
जिसकी हमें आवश्यकता नहीं है ...
द्वेष, घृणा, उदासी, पीड़ा एंव पश्च्याताप
जीवन अमूल्य है ...
आईये २०१० में हम इसमें जोडें
मैत्री, प्रेम, प्रसन्नता, उल्लास एंव विश्वास
नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ
इस सन्देश को बाद में मैने अंग्रेज़ी अनुवाद के साथ (तथा कुछ संश्लेषित रूप मे ) प्रयोग भी किया.
शैलेश भारतवासी ने ओर्कुट पर सन्देश भेजा वह भी उल्लेखनीय है:----
हरी धरती
साफ़ पानी
महकती हवा
गुनगुनाती चांदनी
मुस्कुराती धूप
बेशोर बस्ती
खुशदिल और खुशनुमा चेहरे ;
आसमां वाले !
तू अगर दे दे
तो ये खुशियाँ बहुत हैं
इस नए साल में...............
मेरे ममेरे भाई मलय चतुर्वेदी ने एस एम एस भेजा जो मुझे बेह्द गुदगुदाने वाला लगा तथा पसन्द आया :---
(मूल अंग्रेज़ी/ रोमन में, यथा सम्भव् अनुवाद मेरा है)
2010 आ रहा है.आपको नव वर्ष, जन्म दिन,गणतंत्र दिवस , वेलेंटाइन दिवस, बसंत पंचमी, होली, 15 अगस्त, फ्रेंडशिप दिवस, मदर्स डे, फादर्स डे, शिक्षक दिवस, चिल्ड्रेंस डे, दादा डे,डादी डे, नाना -नानी डे, आदि सभी..365 दिन सुप्रभात, शुभ दिन, शुभ रात्रि, स्वीट ड्रीम्स ..
साला... रोज़ का ड्रामा ही खतम.
अब पूरे साल मत कहना कि एस एम एस नहीं किया...
यह तीन सन्देश तो मात्र नमूना हे हैं. और भी कई सन्देश हैं जिनका ज़िक्र फिर कभी...
आप सभी को भी ऐसे ही अनेक हंसाने वाले, गम्भीर, विचित्र,सचित्र ,अद्भुत ... सन्देश मिले होंगे.
सभी के साथ साझा करें ..
प्रतीक्षा रहेगी ...
10 comments:
सचमुच एस एम एस संदेश लिखनेवालों का भी जबाब नहीं .. आपके और आपके परिवार वालों के लिए नववर्ष मंगलमय हो !!
एक से एक संदेश मिले इस बार संग्रहणीय. :)
मजा तब आता है जब संदेश खुद से बनाए जाते हैं। इस तरह के संदेशों का चार्म अलग होता है।
बढिया पोस्ट।
बहुत ही अनोखे संदेश लिखे ही जाते हैं आजकल ध्यान आकृष्ट करने के लिये ।
रोचक पोस्ट।
बढ़िया रोचक संदेश हैं।
@संगीता जी,
आपको एवम परिजनों को भी नव वर्ष की शुभकामनायें
@समीर भाई,
लगता है सन्देश भेजने वाले अधिक मौलिक और रचनाशील Creative होते जा रहे हैं.
@सतीश पंचम जी
@हिमांशु जी
मजा तो तब आता है जब आप कोई बहुत ही अलग् हट के ,पूर्णत: मौलिक सन्देश गढ़ें , और घूम फिर कर वही ( आपके द्वारा रचा गया) सन्देश किसी और से आपको प्राप्त हो जाये.
तब विश्वास होता है कि दुनिया वाकई गोल है.
@ बाली जी, धन्यवाद. नव वर्ष मंगलमय हो.
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