Saturday, January 10, 2009

कैसी कैसी नौटंकी होगी लोकसभा चुनाव में

अभी तक जो भी नौटंकियां राजनैतिक दल करते आ रहे थे, मानो कम थीं.अपनी कमीज़ को औरों से ज्यादा सफेद साबित करने की जो होड़ राजनैतिक दलों में लगी है ,उसका ही नतीजा है समाजवादी पार्टी के नेता अमरसिंह का लखनऊ सीट पर प्रत्याशी की घोषणा.
समाजवादी पार्टी के नेता ने मुन्नाभाई की गान्धीगीरी का चुनावी लाभ उठाने की नीयत से संजय दत्त को लखनऊ से लोकसभा का प्रत्याशी बनने की घोषणा कर दी. कांग्रेस की गान्धीगीरी का उन्हें यही सबसे माक़ूल जवाब लगा. इसमें तर्क ढूंढना फिज़ूल है.संजय दत्त का लखनऊ से क्या और कैसे नाता है, यह सवाल भी बेमानी है. चुनाव में प्रत्याशी सुनिश्चित करने का सबसे बडा पैमाना उसका "जिताऊ" होना है, फिर वह सारी दीगर कसौटिओं पर भले ही खोटा निकले. कांग्रेस व भाजपा के अलावा समाजवादी पार्टी के लिये भी यह फिल्मी गली अपरिचित नहीं है. राज बब्बर ( भले ही अब वह कांग्रेस की गोद में बैठ गये हैं), व जया प्रदा का सहारा वह पहले भी ले चुकी है.

अभी तक अनेक चुनावों का इतिहास सिद्ध करता है फिल्मी कलाकारों की लोकप्रियता सभी दलों के लिये कारगर हथियार साबित हुई है. तमिलनाड की तो पूरी की पूरी राजनीति फिल्म से जुडी शख्सियतों के इर्द-गिर्द ही घूमती आ रही है. एम जी आर से लेकर विजयकांत तक सब 'मौलीवुड" के रंग में ही रंगे हुए रहे हैं. एन टी रामा राव के बाद आन्ध्र में भी जब यही रंग चढ़ा, तो वहां भी ऐसे व्यक्ति निरंतर सफलता पाने के प्रयास मे लगेगी हैं जिनका नाता फिल्मों से रहा है. नयी पार्टी प्रजाराज्यम भी इसी का नतीजा है.
बम्बई नगरी में सुनील दत्त लम्बे अर्से तक राजनीति में फिल्म उद्योग के प्रतिनिधि के रूप में रहे. अमिताभ का जिक्र छोड़ भी दें तो शतुघ्न सिन्हा, राजेश खन्ना की लोकप्रियता समय समय पर कांग्रेस व भाजपा ने भुनाई. इसी क्रम में गोविन्दा की लोकप्रियता का लाभ मंत्री राम नाइक को हराने में हुआ और अब शाहरुख की चर्चा है कि वह बम्बई की एक सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी बनेंगे .
अब भाजपा को कौन सा ठुमके वाला पसन्द आता है, यह जानने के लिये ज्यादा इंतज़ार नहीं करना पडेगा. टी वी कलाकर नितीश भारद्वाज,अरविन्द त्रिवेदी,दीपिका चिखालिया, स्मृति ईरानी आदि को तो भाजपा भुना ही चुकी है.


मजे की बात तो यह है कि जब कई टिप्पणीकारों ने ( इसमें कभी संजय दत्त के वकील रहे और लखनऊ से एक बार प्रत्याशी रहे राम जेठ्मालानी भी शामिल हैं) संजय दत्त के नाम पर कानूनी योग्यता का प्रश्न खड़ा किया ,तो झट से उनके स्थान पर नयी पत्नी मान्याता का नाम अमर सिंह ने आगे कर दिया.साथ ही भोजपुरी कलाकार मनोज तिवारी का नाम भी उनके पक्ष से घोषित हो चुका है.


तो अब इस स्थिति तक आ गयी है राजनैतिक नौटंकी. दुहाई है.

No comments: