Monday, April 30, 2007

क्रिकेट विशेषांक : गज़ल मेँ बरमूडा का काफिया

अनेक प्रयास करने पर भी ज़ेहन से क्रिकेट का बुखार उतरता ही नही है.
जब विश्व कप मेँ बरमूडा और बंग्लादेश का मैच होना था, उसके पहले सारे भारत की निगाहेँ बरमूडा पर ही लगी थी.
प्रार्थनायेँ हो रही थीँ कि किसी तरह बरमूडा जीत जाये तकि भारत के अगले राउंड तक पहुंचने का रास्ता खुल जाय.

प्रस्तुत हास्य गज़ल ( मेरे मित्र इसे हज़ल कहते हैँ), जिसमेँ बरमूडा का काफिया है, तीन चरणोँ की है. पहला चरण है बरमूडा से प्रार्थना, दूसरा है जब बरमूडा अपना आखिरी मैच बंगला देश से हार जाता है, और तीसरा चरण है- हार के अनेक दिन बाद, जब हम हार को भूल चुके हैँ . (भारतीयोँ की याददाश्त कमज़ोर होती है, अतः हम जल्दी ही सब कुछ भूल जाते हैँ).

पहला चरण्

गर्दिश मेँ है देश हमारा बरमूडा
कर दो बेड़ा पार हमारा बरमूडा

एक बार हम तुम्हे हराकर धन्य हुए
फिर से खेलो मैच दुबारा बरमूडा

बम्ब पटाखे भारत के सब फुस्स हुए
फुलझडियोँ ने हमको मारा बरमूडा

चमत्कार हो सके तो हमको दिखला दो
विनती करता भारत सारा बरमूडा

जीवन दान दिल सकते हो भारत को
बंग्लादेश जो तुमसे हारा बरमूडा

जीत तुम्हारी हमको ज़िन्दा कर देगी
एक बचा है यही सहारा बरमूडा

दूसरा चरण्

लाज हमारी रखने मेँ तुम फेल हुए
बंगला देश बना अंगारा बरमूडा

सभी खिलाड़ी अब घर को लौटेँ कैसे
'कोच' बना फिर से बेचारा बरमूडा


तीसरा चरण्

सभी खिलाड़ी बेशर्मी से झूम रहे
तुम भी बोलो तारा रा रा बरमूडा

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5 comments:

Sanjeet Tripathi said...

हा हा हा, सही है अरविंद जी।

Sanjeet Tripathi said...

शायद आप अपना ई-मेल आई डी सार्वजनिक नही करना चाहते इसी लिए आपने अपने प्रोफ़ाईल में ई-मेल आई डी नही डाली है।
आपने मेरे चिट्ठे पर टिप्पणी के रुप में जो अपने कदमों के निशान छोड़े है,उसके लिए आभार...
किस तरह की लिंक्स आप अपने चिट्ठे पर डालना चाहते हैं? वैसे यदि आप अपने चिट्ठे पर दुसरों के चिट्ठे लिंक या किसी अन्य वेबसाईट का लिंक देना चाह्ते हैं तो इसके लिए आपको अपने चिट्ठे के ले-आउट वाले सेक्शन में जा कर Add a Page Element चुन ना होगा फ़िर उसमें जाकर Link List चुनें फ़िर इसमें अपने मनचाहे चिट्ठे या वेबसाईट का लिंक डाल दें। बस्। और किसी जानकारी के लिए आप मुझे ई-मेल कर सकते हैं धन्यवाद

Udan Tashtari said...

मजेदार रहे तीनों चरण ही. :)

Manish Kumar said...

अरे इन ताजे जख्मों पर मरहम लगाने के बजाए आपने उन्हें और हरा कर दिया !:)
वैसे लिखा मजेदार है ।

Neelima said...

वाह अच्छी गजल है .