पहले पहल तो चौंका. ब्लोगवाणी पर टिप्पणियों की सूची पर नज़र पडी तो देखा किसी ने 'भारतीयम' ब्लोग पर टिप्पणी की है. चौंकना स्वाभाविक था. क्योंकि टिप्पणी का विषय मेरे ब्लोग की किसी हालिया पोस्ट से बिलकुल ही भिन्न था.
फोरन भारतीयम पर जा कर देखा तो पता चला कि किसी शंकर नामक ब्लोग्गर ने इसी नाम से एक और ब्लोग चालू कर दिया है. मैं तो 2007 से भारतीयम नाम से ब्लोग्गिंग कर रहा हूं. फिर अब एक और भारतीयम....?
मैं नहीं जानता कि जिन भाई ने ये भारतीयम नाम से दूसरा ब्लोग प्रारम्भ किया है ,उन्हे मेरे भारतीयम की जानकारी थी या नहीं. परंतु उनका ब्लोग 2008 से है और इसमे अभी तक 10 पोस्ट हुईं हैं . मैने तो आज ही पहली बार देखा.
कुछ दिनों पहले बी एस पाबला जी के चिट्ठा चर्चा सम्बन्धी डोमैन नाम को लेकर सारथी जी की टिप्पणी पढ़ी थी जिसमें उन्होने इसे एक साधारण सी घटना ही बताई थी. अब पशोपेश में हूं .
मैं तो शंकर जी से अनुरोध करूंगा कि यदि इसे अन्यथा न लें तो कुछ और नाम अपना लें .
यदि वह स्वीकारते हैं तो ठीक ,नहीं स्वीकारते तो भी ठीक.
और फिर कर भी क्या सकता हूं मैं ?
सिर्फ कुछ भ्रम ही तो फैलेगा...चलने दो बाल किशन ...
16 comments:
देखिये, वो क्या स्टैंड लेते हैं, वरना आप लिखा करिये भारतीयम असली वाले...
जैसे कलकत्ता वाले के सी दास, असली रसगुल्ले वाले. :)
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हम इसी लिए फैंसी नाम नहीं रखे। नक्कालों को अवसर क्यों दें? अब कोई और अपने को आलसी बताए तो सही?
परेशान न हों भाई नाम से कुछ न होत है तनिक सक्रिय होवें
एक ही नाम होने से थोडी समस्या तो आएगी .. पर क्या किया जा सकता है ??
@समीरभाई
कल को यदि कोई दूसरी 'उडन तशतरी 'उतर आई तो क्या होगा?
असली और नक़ली का खेल कब तक ?
चलो, देखते हैं.
@गिरिजेश भाई,
नकल करने के लिये फेंसी क्या और अ-फेंसी क्या?
( फेंसी का विलोम शब्द समझ नहीं आया)
@अरविन्द मिश्र जी
सहमत.आदेश सर माथे. पूरी कोशिश रहेगी.
@सुमन जी
Thanks
@संगीता जी,
क्या करें जी?अनुरोध तो कर ही सकते हैं कि पहचान के संकट से बचा लें शंकर जी.
मैं भी शंकर का ब्लाग समझ कर आया था पर यंहा माज़रा दूसरा निकला। आप निश्चिंत रहे शंकर बहुत ही अच्छा लड़का है और अच्छा पत्रकार भी।मैं फ़िलहाल अमरावती में हूं और रायपुर जाकर उससे इस मामले मे बात कर लूंगा।जंहा तक़ मैं समझता हूं कि सब ठीक हो जायेगा।
@अनिल जी
धन्यवाद. यदि आपके सद्प्रयासों से समस्या का निदान हो जाता है तो बहुत अच्छा.
( वैसे तो आपकी लेखनी का भी क़ायल हूं. आपकी वह बारात में पीने वाली पोस्ट अभी तक याद है)
बढ़ते चिट्ठों की सँख्या में एक आसान विकल्प है
जार्ज पँचम.. जार्ज षष्टम की तर्ज़ पर
भारतीयम प्रथम.. भारतीयम द्वितीय
भारतीयम सीनियर या भारतीयम जूनियर
भारतीयम 2207 भी चलेगा
भारतीयम - अरविन्द चतुर्वेदी भी हो सकता है
आखिरकार हम आपको पढ़ते हैं, न कि भारतीयम ब्लॉग को
नाम में क्या रखा है, जनाब ।
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