2009 के बाद एक बार फिर अवसर आया है लिबर्टी की देवी के दर्शन का. इस बार मंज़िल है मेनेज़मेंट का मक्का कहे जाने वाला हार्वर्ड विश्वविद्यालय.
IJAS की वार्षिक कांफ्रेंस में भाग लेना व दो शोध पत्र प्रस्तुत करना है . पहला शोध पत्र “भारत में आर्थिक सुधारों का उद्यमशीलता ( Entrepreneureship ) पर सकारात्मक प्रभाव” विषय पर है तथा दूसरा शोध पत्र “ भारतीय औषधि उद्योग में पेटेंट (Patent ) व नवीनता ( Innovation ) की लागत “ विषय से सम्बन्धित है.
विश्व प्रसिद्ध हार्वर्ड वि.वि में सम्मेलन के अतिरिक्त अन्य अकादमिक/ शैक्षिक/व्यावसायिक गतिविधियों के सिलसिले में कनेक्टिकट एवम न्यूजर्सी भी जाना होगा.
हिन्दी ब्लोग जगत 2009 में हुई मेरी पिछली यात्रा पर ‘अमरीका में भारतीयम” (http://bhaarateeyam.blogspot.com/2009/05/blog-post.html ) व अन्य लेखों की श्रंखला पढ चुका है.इसी प्रकार पिछले वर्ष( 2010) –“मेरी यूरोप यात्रा” ( http://bhaarateeyam.blogspot.com/2010/06/9.html) के 12 अंक भी “लोक मंगल” व “भारतीयम” ब्लोग पर आ चुके हैं जिन्हे पाठक वर्ग ने सराहा था. इस बार भी आपको मेरी अमरीका यात्रा से जुड़े अनुभव व संस्मरण उपलब्ध होंगे
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