Sunday, August 8, 2010

प्रलय का कहर

लेह लद्दाख में बादल फटने की विनाशकारी घटना ने वहां के निवासियों पर कहर ढाया है.टी वी पर खबरें देख देख कर मन द्रवित हो जाता है. जान -माल का भारी नुकसान होने के बाद वहां के पीड़ित लोगों की दुश्वारी और भी बढ गयी है. संचार के माध्यम सब कटे हुए हैं. आने -जाने के रास्ते बन्द हैं. यहां तक कि सरकारी मदद पहुंचने में भी मुश्किल आ रही है.

खाने -पीने की भारी किल्लत है ,लोग पूरी तरह से प्रलय -पीडित् हैं.

सरकारी आंकडों के अनुसार भले ही दो सौ से कम जानें गयी हों ,परंतु प्रलय की विभीषिका इन आंकडों से कहीं अधिक भयंकर हैं. हज़ारो घरों में लोग बेघर हो गये हैं और परिवारों में सदस्य लापता हैं,जिनकी खोज निरंतर ज़ारी है.

ऐसे समय में पीडित परिवारों को मदद की ज़रूरत है. हम सभी को अपनी अपनी सामर्थ्य के अनुसार कुछ न कुछ मदद ज़रूर करनी चाहिये.


उन अनाम मृतकों को मेरी श्रद्धांजलि जो इस प्राकृतिक विपदा के शिकार हुये.

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