इंडियन आइडल (Indian Idol)-शुरू से ही यह रियलिटी शो मेरा पसन्दीदा टीवी कार्यक्रम रहा है. उसके बाद दूसरा नम्बर आता है बिग बौस (Big Boss) का. हालांकि ये दोनो ही कार्यक्रम विदेशी टी वी चैनलों की नकल ही हैं परंतु लोकप्रियता में दोनों अन्य रीयलिटी शो की तुलना में कहीं आगे हैं.
इंडियन आइडल -5 के औडिशन राउंड समयाभाव के चलते देख न सका. परंतु बहुत ज्यादा कुछ मिस नहीं किया. आखिरी 12 प्रतियोगियों के चुने जाने के बाद से लगातार देखता आ रहा हूं. मंगलवार 20 जुलाई का एपिसोड फिर छूट गया. आखिरी पांच में से एक का एलीमिनेशन होना था. कल से संशय था कि कौन निकाला गया होगा. आज वेबसाइट से पता चला कि कल निर्णायक मंडल ने अपना वीटो इस्तेमाल करके राकेश मैनी को निकलने से बचा लिया. ( यह भी कि आगे ये निर्णायक मंडल अब कोई वीटो इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे).
इन सभी रीयलिटी शो की जो बात अखरती है ( और कभी कभी मन में सन्देह भी पैदा करती है) कि जनता कमज़ोर
प्रतिभागियों को भी लगातार वोट क्यों देती रहती है ?
इंडियन आइडल में भी हर वर्ष एक न एक एक ऐसा प्रतिभागी ज़रूर होता है जो अपेक्षाकृत कमज़ोर होते हुए भी लोकप्रिय होने के चलते बचा रहता है. ( या उसे बचाये रखा जाता है ,ताकि एक क्षेत्र विशेष के दर्शक कार्यक्रम से जुडे रहें)?
इंडियन आइडल -5 में एक से एक बढकर गायन प्रतिभा आई. अब जो पांच बचे हैं उनमें श्री राम, शिवम, राकेश ,भूमि और स्वरूप खान हैं. मेरी राय में इनमें से स्वरूप खान को यहां तक नहीं पहुंचना चाहिये था. जनता के वोट न जाने कैसे उसे बचाये हुए हैं. शायद लोकगायन के क्षेत्र से आने के कारण उसके प्रति सहानुभूति ज्यादा है और इसी के चलते वह बचता चला आ रहा है.
इसी तरह शशि सुमन व नौशाद का निकाला जाना भी मुझे अखरा,क्यों कि मेरी राय में वह दोनो ही टीया, स्वरूप, व भूमि की तुलना में बेहतर गायक थे.
अब तो लगता है कि टी आर पी भी स्वरूप को नहीं बचा पायेगी. अगला नम्बर उसका ही होना चाहिये. इसके बाद ही होगा सही मायनों में मुक़ाबला. श्रीराम, राकेश और शिवम तीनों ही बहुत अच्छे गायक हैं. मैं आशा कर रहा हूं कि अंतिम तीन में यही तीनों पहुंचे.
अगला राउंड मज़ेदार होगा.मैं समझता हूं कि स्वरूप खान के बाद भूमि को निकला जाना चाहिये. देखें जनता की सोच में और मेरी राय में क्या फर्क है?
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