Thursday, February 25, 2010

घर हो या ससुराल ,मज़े लो होली में

नाचो दे दे ताल, मजे लो होली में,
गालों मलो गुलाल, मजे लो होली में.

रंग बिरंगे चेहरों में ढून्ढो धन्नो,
घर हो या ससुराल , मजे लो होली में.

हुश्न एक के चार नज़र आयें देखो,
एनक करे कमाल , मजे लो होली में


चढे भंग की गोली ,डगमग पैर चलें,
बहकी बहकी चाल, मजे लो होली में.

ऐश्वर्या जब तुम्हे पुकारे ‘अंकल जी’,
छूकर देखो गाल, मजे लो होली में


छेडछाड में पिट सकते हो ,भैया जी,
गैंडे जैसी खाल, मजे लो होली में.



बीबी बोले मेरे संग खेलो होली,
बैठो सड्डे नाल , मजे लो होली

2 comments:

Udan Tashtari said...

बस, मजे ही मजे लो होली में...बढ़िया/

Arvind Mishra said...

वाह यही होली ठीक रहेगी इस बार