Sunday, June 29, 2008

जा रहा हूं, मगर लौट कर आऊंगा

जा रहा हूं, मगर लौट कर आऊंगा,
सबसे कहना सही वक्त पर आऊंगा.


मैं जवां हूं, भट्कने में कुछ डर नहीं,
जब भी थक जाऊंगा,अपने घर आऊंगा.


दूर था ,इसलिये सबने देखा नहीं
हर जगह देखना अब नज़र आऊंगा.


जंग छोटी - बडी कोई होती नहीं
जंग जैसी भी हो जीत कर आऊंगा.

चौंकना मत अगर मेरी दस्तक सुनो,
देके आने की पहले खबर ,आऊंगा .


आगे जो भी सफर,होंगे अपने ही पर
पंख थे जो पराये, कतर आऊंगा .



आके वापस दुबारा न जाना पडे,
पूरा करके ही अपना सफर आऊंगा.


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4 comments:

Udan Tashtari said...

आके वापस दुबारा न जाना पडे,
पूरा करके ही अपना सफर आऊंगा.


-बहुत बढ़िया. आईये, इन्तजार रहेगा.

Anonymous said...

bhut sundar rachana. sundar rachana ke liye badhai. likhate rhe.

डा.अरविन्द चतुर्वेदी Dr.Arvind Chaturvedi said...

@समीर भाई
@रश्मी सौराना जी ,
बहुत बहुत शुक्रिया

Anonymous said...

सबूत है कि यह एक झूठ है
http://multiboss.net/?module=bc