Tuesday, October 9, 2007

सौ करोड की रैली और कांशीराम्


कल 9 अक्टूबर बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि के अवसर पर बसपा की ओर से एक विशाल रैली लख्ननऊ में आयोजित होने जा रही है. बहन मायावति ने इसे 'सावधान रहो, आगे बढ़ो' रैली का नाम दिया है. इस रैली पर सौ करोड रु. खर्च होने का अनुमान है. ऐसा भी बताया गया है कि इस अवसर पर कांशीराम के नाम पर लगभग 4000 करोड रु. की परियोजनाओं की घोषणा की जायेगी.
समाज की बेहतरी के लिये प्रस्तावित सभी परियोजनाओं का स्वागत है. किंतु मायावती की मंशा कांशीराम को भीम राव अम्बेडकर के बराबर खडा करने की अधिक लगती है. सावधान रहो-पर किससे ? अब सरकार आपकी सोशल इंजीनीयरिंग के चलते आ गयी. जिससे आपको सबसे अधिक खतरा था- तिलक तराजू और तलवार-वे भी आपके साथ आ गये ( कब तक, ये अलग बात है).
आगे बढो- मतलब यूपी के आगे. हां ये सपना तो ठीक है. परंतु इसके लिये सौ करोड रु. का खर्च ?

यदि यही सौ करोड रु. रैली पर खर्च न करके उन परिवारों के लिये खर्च किये जाते जो, राजनीति से तो कही नहीं ज़ुडे -परंतु जिनके घर कब चूल्हा जलेगा कब नही-उन्हे भी पता नहीं. इस रैली के बलबूते मायावती जी कितनी 'आगे बढेंगी' कहना अभी तो मुश्किल है, परंतु, यदि कुछ अत्यंत निर्धन परिवरों की पहचान करके ये सौ करोड उनमे बांटे जाते तो वे परिवार निश्चित्त ही आगे बढ जाते.शायद कांशीराम जी की आत्मा को भी ज्यादा शांति प्राप्त होती.

3 comments:

अनिल रघुराज said...

धर्म और राजनीति में मूर्ति स्थापना की बड़ी अहमियत है और हमारी बहन जी वही कर रही हैं। हमारे यहां अचानक फिर से मूर्तिभंजकों की ज़रूरत बढ़ गई है।

संजय बेंगाणी said...

बहनजी कुछ समय पहले तो केन्द्र से पैसे माँग रही थी. अब धन कहाँ से आया? यह जनता के पसीने की कमाई है...मत उड़ाओ.

Udan Tashtari said...

शायद काशीराम की आत्मा को थोड़ा करार आया होगा.