tag:blogger.com,1999:blog-1545276171833197290.post2003620390995588964..comments2023-07-06T17:14:13.133+05:30Comments on भारतीयम Bhaarateeyam: जब सभी ने होंठ पर विद्रोह के स्वर रख लियेUnknownnoreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-1545276171833197290.post-27003195086783042962007-07-25T00:37:00.000+05:302007-07-25T00:37:00.000+05:30बहुत अच्छा लिखा है।युं कहा करते थे मेरे दोस्त ,कुछ...बहुत अच्छा लिखा है।<BR/><BR/>युं कहा करते थे मेरे दोस्त ,कुछ अपनी सुना, <BR/>मेज़ पर , बापू के, मैने तीन बन्दर रख लियेपरमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1545276171833197290.post-35457009088540031502007-07-24T21:59:00.000+05:302007-07-24T21:59:00.000+05:30सही है.सही है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1545276171833197290.post-22540423846485056722007-07-24T21:29:00.000+05:302007-07-24T21:29:00.000+05:30युं कहा करते थे मेरे दोस्त ,कुछ अपनी सुना, मेज़ पर ...युं कहा करते थे मेरे दोस्त ,कुछ अपनी सुना, <BR/>मेज़ पर , बापू के, मैने तीन बन्दर रख लिये<BR/><BR/>अच्छा लगा पढ़कर .....बधाईReetesh Guptahttps://www.blogger.com/profile/12515570085939529378noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1545276171833197290.post-79749798037594499192007-07-24T18:09:00.000+05:302007-07-24T18:09:00.000+05:30rcuczबात कुछ अच्छी सुनाने के लिये हो बज़्म मेंसोचकर...rcuczबात कुछ अच्छी सुनाने के लिये हो बज़्म में<BR/>सोचकर मैने, यही अशआर लिख कर रख लियेराकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1545276171833197290.post-35845890932408060792007-07-24T15:58:00.000+05:302007-07-24T15:58:00.000+05:30सबने आलों में सजाकर अपने ईश्वर रख लिये.बहुत ख़ूब ल...सबने आलों में सजाकर अपने ईश्वर रख लिये.<BR/><BR/>बहुत ख़ूब लिखा है अरुण जी, बधाई !Anil Aryahttps://www.blogger.com/profile/14108322173036444861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1545276171833197290.post-21775066188758796062007-07-24T12:15:00.000+05:302007-07-24T12:15:00.000+05:30युं कहा करते थे मेरे दोस्त ,कुछ अपनी सुना, मेज़ पर ...युं कहा करते थे मेरे दोस्त ,कुछ अपनी सुना, <BR/>मेज़ पर , बापू के, मैने तीन बन्दर रख लिये <BR/><BR/>बहुत सुन्दर लिखा है अरविन्द भाईनाम में क्या रखा है?https://www.blogger.com/profile/09270876909074865056noreply@blogger.com